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फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहते है | fehling abhikarmak kise Kahate Hain

फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहते है | fehling abhikarmak kise Kahate Hain

फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहते है | fehling abhikarmak kise Kahate Hain

फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहते है :- नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूं आप बिल्कुल ठीक हो जी आपका हार्दिक स्वागत है हमारे इस लेख में,

 दोस्तों आप केमिस्ट्री के क्लास में तो फेहलिंग अभिकर्मक शब्द का नाम अवश्य सुने होंगे मगर क्या आपको मालूम है कि फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहा जाता है और फेहलिंग अभिकर्मक क्या है।

अगर आपका जवाब ना है तो आप हमारी इस लेख के साथ अंत तक बने रहना क्योंकि इस लेख में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।

फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहते है

कॉपर सल्फेट और पोटेशियम टार्ट्रेट और सोडियम के क्षारिक घोल को फेहलिंग अभिकर्मक कहते है।

 दोस्तों आमतौर पर फेहलिंग अभिकर्मक में दो बिलियन शामिल होते हैं जिसमें से एक A फेहलिंग बिलियन और दूसरा B फेहलिंग बिलियन होता है।

फेहलिंग बिलियन A मे copper sulfate और फेहलिंग बिलियन B में  Sodium Potassium titrate (रोसेल लवण) होता है।

 परीक्षण से पूर्व दोनों विलयन समान मात्रा में मिलाएं जाते हैं। एल्डिहाइड को फिलिंग विलियन के साथ गर्म करने पर लाल – भूरा अवक्षेप प्राप्त होते हैं।

एल्डिहाइड संगत कर्बोकिसलेट त्रिणायना में आक्सीकृत हो जाते हैं। एरोमेटिक एल्डिहाइड इस परीक्षण के प्रति प्रक्रिया नहीं दर्शाते हैं और कुछ इस प्रकार से फेहलिंग अभिकर्मक पूरा हो जाता है।

फेलिंग सॉल्यूशन क्या है– (fehling aabhikarmak kya hai)

दोस्तों अगर हम फेलिंग सॉल्यूशन के बारे  में बात करे तो फेलिंग घोल एक एलीफैटिक एल्डिहाइड का एक कम करने वाला एजेंट है ।

हमने आपको ऊपर मे बताया है कि यह पानी के घोल copper sulfate (रंग: हल्का नीला) और Sodium Potassium titrate और रोशेली नमक  (रंगहीन) (नाओह) के क्षारीय घोल का मिश्रण है।

दोस्तों इन दोनों का अभिक्रिया या कहे तो मिश्रित घोल जिसे आमतौर पर फेलिंग A (copper sulphate का पानी का घोल), फेलिंग B (रोशेली नमक का क्षारीय घोल) के रूप में उच्चारित किया जाता है।

इन दोनों में  मिश्रण की मात्रा पूरे तरह से समान मात्रा में होती है। फेलिंग विलयन का रंग गहरा और गढ़ा नीला रंग का रूप लेता है।

जब फेहलिंग के मिश्रित घोल को एलीफैटिक एल्डिहाइड में मिलाया जाता है, तो एल्डिहाइड फेहलिंग घोल को  पूरे तरह से कम कर के cu2o यानी कि (कप्रस ऑक्साइड) का लाल अवक्षेप बनाता है।

इन सभी प्रक्रिया के बाद यह एक कार्बोक्जिलिक  नमक एसिड बनाता है इस विधि का इस्तेमाल करके कोई स्निग्ध को अलग कर सकता है एल्डिहाइड समूह को।

फीहलिंग सॉल्यूशन एरोमैटिक अल्कोहल या कीटोन्स को कम नहीं कर पता है। कुछ इस प्रकार से ही फीहलिंग सॉल्यूशन होता है।

क्या होता है प्रहार एसीटैल्डिहाइड फाहलिंग विलियन से क्रिया करता है?

दोस्तों जब ऐसीटैल्डिहाइड को फेहलिंग विलयन के साथ मिला कर के गर्म किया जाता है, तो निम्न तरह का का अवक्षेप प्राप्त होता है। और यह कुछ इस प्रकार से अभिक्रिया करता है।

फेहलिंग विलयन को कौन सा अम्ल अपचयित करता है ?

हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि यह रजत लवणों को रजत में, फेहलिंग विलयन को अछे तरह से लाल क्यूप्रस Oxide में तथा मरक्यूरिक chloride को मर्करी में अपचयित कर देता है। और यही अम्ल है जो फेहलिंग विलयन को अपचयित करता है।

टॉलेन अभिकर्मक क्या है ?

दोस्तों हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि टॉलेन अभिकर्मक- तकरीबन 10% (Silver Nitrate) सिल्वर नाइट्रेट विलयन में NaOH विलयन मिलाने पर एक भूरा रंग का अवक्षेप आता है ।

जिस को NH OH की neon मात्रा में घोलने पर एक पारदर्शक विलयन बनता है। इसको अमोनिकल Silver Nitrate या टॉलेन अभिकर्मक कहते हैं।

अभिकर्मक क्या है ?

दोस्तों आमतौर पर अभिकर्मक एक यौगिक  या  मिश्रण होता है जो एक रासायनिक प्रतिक्रिया या परीक्षण का वजह बनने के लिए एक प्रणाली में जोड़ा जाता है तभी जा के कोई प्रतिक्रिया होती है।

अभिकर्मक का इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए किया जा सकता है कि कोई विशिष्ट रासायनिक पदार्थ मौजूद है या नहीं, इसके अभिकर्मक के बाद मालूम चलता है कि दो चीज़ को मिलाने के बाद क्या हो रहा है।

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