Penicillin ki khoj kisne kiya :- दोस्तों आप लोगों ने कहीं ना कहीं Penicillin का नाम तो अवश्य सुना होगा और हो सकता है कि आपने इसका उपयोग एंटीबायोटिक के रूप में किया भी होगा ।
लेकिन कई सारे ऐसे लोग हैं जो इसके बारे में नहीं जानते हैं और उनके मन में यह सवाल है,कि आखिर Penicillin का खोज किसने किया है और Penicillin क्या है और Penicillin किन किन बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
तो इस लेख में हम इन्हीं सभी सवालों का जवाब प्राप्त करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।
पेनिसिलिन की खोज किसने किया (who discovered penicillin in hindi)
पेंसिलीन की खोज अलेक्जेंडर फ्लेमिंग “Alexander Fleming” ने किया था। |
पेंसिलीन की खोज जाने अनजाने में हुई थी इस पर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग कोई खास रिसर्च नही कर रहे थे। अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने Penicillin के खोज के बदौलत नोबेल पुरस्कार भी हासिल किया था। Penicillin के खोज से पहले निमोनिया, गोनोरिया, कालरा, जैसे कई सारे संक्रमणों के लिए कोई भी प्रभावी उपचार नहीं था।
मगर दोस्तों Penicillin के खोज के बाद बैक्टीरिया से होने वाले कई सारे रोगों का इलाज किया गया। अलेक्जेंडर फ्लेमिंग पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट और स्कॉटिश वैज्ञानि थे और वह तरह तरह के Experiment किया करते थे।
Penicillin की खोज health और medicine industry के लिए काफी महत्वपूर्ण और फायदेमंद साबित हुई।
Penicillin की खोज के बाद इस पर काफी Research और अध्यन किया गया तब जा के इसका उपयोग लोगो के संक्रमण ठीक करने के लिए किया गया।
Penicillin की खोज कब हुई थी ?
Penicillin की खोज 28 सितम्बर वर्ष 1928 को लंदन में की गई थी। Penicillin के खोजकर्ता होने का पूरा श्रेय अलेक्जेंडर फ्लेमिंग को दिया जाता है।
Penicillin का खोज तो वर्ष 1928 में हुवा था मगर इस खोज का नाम उस समय पर अज्ञात था फिर कुछ समय बिताने के बाद वर्ष 1930 के आस पास इसका नाम करण हुवा।
पेनिसिलिन क्या है (What is penicillin in hindi)
हमने ऊपर के टॉपिक मे जाना कि पेनिसिलिन की खोज किसने की थी और पेनिसिलिन का खोज कब हुआ था और अब हम जानने वाले है कि पेनिसिलिन क्या है, तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को।
पेनिसिलिन एक एंटीबायोटिक योगिक यानी कि “Antibiotic compound” है। जिसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है क्योंकि यह बैक्टीरिया को मारने का काम करता है।
पेनिसिलिन को अंग्रेजी में Penicillin ही कहा जाता है। पेनिसिलिन वह पहला Antibiotic compound है, जिसकी खोज सबसे पहले की गई थी।
चिकित्सा विभाग में पेनिसिलिन का इस्तेमाल बैक्टीरिया से होने वाले रोगों को ठीक करने के लिए किया जाने लगा, कुछ पुरानी आंकड़ो के हिसाब से 1928 से लेकर आज तक पेनिसिलिन सब से ज्यादा उपयोग किया जाने वाला पहला एंटीबायोटिक पदार्थ है।
पेनिसिलिन में कुछ ऐसे गुण होते है जो अपने आस पास के जगहों में बैक्टीरिया को पैदा नही होने देते है। तो कुछ इस प्रकार से पेनिसिलिन होता है।
पेनिसिलिन की खोज कैसे हुई?
दोस्तों पेनिसिलिन की खोज के पीछे एक रोचक कहानी है, हमने आपको ऊपर में बताया कि पेनिसिलिन के अविष्कारक सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग थे जो कि एक माइक्रोबायोलोजिस्ट और स्कॉटिश वैज्ञानिक थे।
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग कही पर एक लंबी छुट्टी के लिए गए हुवे थे। जब वह छुट्टी के बाद अपनी प्रयोगशाला में गए तो उन्होंने देखा कि उनके द्वारा रखी गई बैक्टेरिया की एक स्लाइड पर फफूंद यानी कि Mold लग गई है।
उनके रखे गए स्लाइड में Mold इसलिए हुआ क्योंकि वह गलती से स्लाइड का ढक्कन और खिड़की खुली छोड़ गए थे, खुली खिड़की से फफूंद के कण अंदर आ गए और वे बैक्टीरिया की स्लाइड पर धीरे धीरे पैदा होने लगे,
एलेग्जेंडर फ्लेमिंग ने देखा कि Mold के वजह से ज्यदा बैक्टीरिया मर गए थे और उस फफूंद ने बैक्टीरिया की बढ़ोतरी पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी ।
शुरू में एलेग्जेंडर फ्लेमिंग इस पदार्थ को “Mold juice” या फफूंद का जूस कहा और बाद में कुछ समय बीतने के बाद उन्होंने इस पर अध्ययन और रीसर्च किया और इसका नाम पेनिसिलिन रखा ।
जो कि उस फफूंद के नाम पर था जो बैक्टीरिया की स्लाइड पर लग गई थी। उस फफूंद या fungus का पूरा नाम Penicilliun notatum था और इसका (scientific name P. Chrysogenum) रखा गया था। तो कुछ इस प्रकार से Penicilliun की खोज हुई थी।
पेनिसिलिन कितने प्रकार की होती है?
Penicillin कई प्रकार की होती है, खास रूप से इन्हें दो भागों में बांटा जा सकता है।
(1) प्राकृतिक पेनिसिलिन (Natural penicillin)
(2) कृतिम पेनिसिलिन (Synthetic penicillin)
प्राकृतिक Penicillin सीधे फंगस या फंफूद से प्राप्त की जाती है। अलग अलग प्रकार के जीवाणुओं और Bacteria को मारने के लिए Penicillin के (आणविक स्ट्रक्चर/Molecular structure) को बदल दिया जाता है और कई प्रकार के कृत्रिम Penicillin प्राप्त कर ली जाते हैं इन्हें हम कृत्रिम पेनिसिलिन कहते हैं।
प्राकृतिक Penicillin में Penicillin G (Benzylpenicillin) और Penicillin V (Phenoxy methyl penicillin) आज भी उपयोग में लिए जाते हैं। Penicillin G को सीधे नहीं खाया जा सकता क्योंकि यह हमारे शरीर के आमाशय में पाए जाने वाले Acid से क्रिया कर के टूट जाता है और यह हमारे खून में नहीं पहुंच पाता है इस लिए इसे Injection के रूप में दिया जाता है।
Penicillin V Antibiotic की गोली किसी भी मरीज को सीधे दी जा सकती है क्योंकि यह हमारे शरीर के अमाशय में पाए जाने वाले Acid से reaction नहीं करता है और हमारे रक्त में काफी आसानी से पहुंचकर उस मे मौजूद बेकार के bacteria को पूरे तरह से नष्ट कर देता है।
Penicillin किस तरह काम करती है ?
सभी तरह की Penicillin बैक्टीरिया को मारने का काम है, जब bacteria विभाजित होता है तो penicillin bacteria की कोशिका की रक्षात्मक दीवार को नहीं बनने देता और उसे पूरी तरह से नष्ट कर देता है। penicillin bacteria के enzyme को रोक देता है जो कि कोशिका की दीवार बनाते हैं।
Penicillin से कौन–कौन सी बीमारियां ठीक होती है?
हमने ऊपर के टॉपिक में Penicillin से जुड़ी काफी जानकारी प्राप्त की अब हम जानने वाले है कि आखिर Penicillin से कौन-कौन सी बीमारियां ठीक हो सकती है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को।
Penicillin का उपयोग कई प्रकार के bacteria से होने वाले रोगों को ठीक करने में किया जाता है जैसे कि निमोनिया, स्कारलेट बुखार, श्वास नली में इन्फेक्शन, कान त्वचा मसूड़ों और मुंह के बैक्टीरिया इन्फेक्शन, मेनिनजाइटिस, गले का इन्फेक्शन, सिफलिस इत्यादि
Penicillin से खास रूप से सिफलिस नाम की STD यानी कि (sexually transmitted disease) का इलाज किया जाता है, तो Penicillin के मदद से इन्ही सभी बीमारियों को ठीक किया जाता है।
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