Jansanchar Ke Madhyam :- व्यक्तियों के समूह तक सूचनाओं को पहुंचाने के लिए एक माध्यम की जरूरत होती है। जिसे हम जनसंचार कहते है।
प्राचीन काल से ही सूचनाओं को जनसंचार के विभिन्न माध्यम के द्वारा लोगों के बीच पहुँचाया जाता रहा है। अब सवाल ये आता है, की आज के समय में हमारे बीच जो जन संचार काम कर रहा है, वो इतना विकसित कैसे हुआ है, साथ ही हम यह भी जानेंगे, की जनसंचार के क्या-क्या फायदे और नुकसान है। तो चलिए शुरू करते है।
जनसंचार के माध्यम क्या है ? | Jansanchar Ke Madhyam
सूचनाओं के सम्प्रेषण ( Communication ) के लिये जिस भी माध्यम या तकनीक की आवश्यकता होती है , जिससे एक साथ बड़ी संख्या में लोगों तक संदेश या विचार भेजे जा सकते हैं। ऐसी सभी चीजों को जनसंचार का माध्यम कहा जाता है।
जनसंचार के माध्यम से सूचनाओं को अति शीघ्र समाज के हर वर्ग तक पहुँचाया जा सकता है ।
जनसंचार के माध्यम कौन–कौन से हैं ? | Jansanchar Ke Madhyam
- इंटरनेट:- आधुनिक युग मे इंटरनेट जनसंचार का प्रमुख साधन है। इसके ज़रिये पूरे विश्व मे बहुत तीव्र गति से एक साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
इंटरनेट के माध्यम से सूचनाओं को देखकर , सुनकर या पढ़कर मतलब तीनों रूप में संचारित किया जा सकता है ।
- टेलीविजन:- आज टेलीविजन के पास समाज का सबसे बड़ा दर्शक समूह है। टेलीविजन के आविष्कार ने समाज के परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है।
यह सभी वर्गों में सूचनाओं के सम्प्रेषण ( Communication ) तथा मनोरंजन में सबसे अधिक प्रभावी है। चाहे व शिक्षित हो या अशिक्षित या फिर किसी भी उम्र का दर्शक हो।
- रेडियो:- आज से 20 वर्ष पहले रेडियो जनसंचार का मुख्य साधन हुआ करता था। रेडियो दूर दराज़ के क्षेत्रों में जहाँ आधुनिक साधन उपलब्ध नहीं हैं, वहां अभी भी मनोरंजन व सूचना प्राप्त करने का सरल साधन है।
- अखबार:- सन 1450 से अखबार की शुरुआत हुई , तब से लेकर अभी तक अखबार का प्रभाव कम नहीं हुआ है। जितने भी विकसित देश हैं, उसमें अखबार का अपना अहम योगदान है।
लोगों को जागरूक करने में तथा लिखित रूप से सूचनाओं के वितरण में अखबार जनसंचार के मुख्य साधन हैं। अमेरिका में अभी भी 95% लोग अखबार पढ़ते हैं।
- मैगज़ीन :- नियमित अंतराल में हर क्षेत्र से संबंधित जैसे – खेल, राजनीतिक व सामाजिक सूचनाओं के साथ-साथ मनोरंजन से संबंधित जानकारियां अपने साथ लेकर आती है।
मैगज़ीन शिक्षित वर्ग में नियमित पढ़े जाने वाले लिखित जनसंचार के साधन हैं।
- किताबें:- बहुत पुराने समय से पुस्तकें जनसंचार के माध्यम के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है। कह सकते हैं, पुस्तक ने ही सभ्य समाज की नींव रखी है।
जनसंचार माध्यम का महत्व
ऊपर अपने जाना Jansanchar Ke Madhyam कौन-कौन से है, अब हम जानेंगे जनसंचार माध्यम का महत्व क्या है ?
बिना माध्यम के लोगों में जागरूकता, शिक्षा, मनोरंजन का संचार कर पाना असंभव है। जनसंचार माध्यमों का निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्व है :-
(1) मनोरंजन :- मनुष्य के जीवन मे मनोरंजन का विशेष स्थान होता है। इसलिए टेलीविजन, मैगज़ीन, इंटरनेट में मनोरंजक सामग्री दिखाए व सुनाई जाती हैं, जिसे दर्शक सुनकर या पढ़कर मन्त्र मुग्ध हो जाते हैं।
(2) सरकारी नीति प्रसारित करना :– आम लोगों तक सरकारी नीति पहुँच नहीं पाती, जिसके कारण लोग नई नीति का फायदा नहीं उठा पाते।
सरकार विभिन्न माध्यम से सरकारी नीति के संदर्भ में विज्ञापन, नाटक, संगीत प्रसारित कर आम लोगों तक सरकारी योजना व नीति को पहुंचाने का प्रयास करती है।
(3) लोगों को जागरूक करने में :- ग्रामीण इलाकों में लोगों में जागरूकता की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के जनसंचार माध्यम की आवश्यकता पड़ती है।
हाल ही में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए टीका करण ( Vaccination ) कार्यक्रम में लोगों की सहमति के लिए जनसंचार माध्यम ने अहम योगदान दिया है।
(4) लोगों को सूचना देना :- जब कोई भी नई सूचना लोगों तक पहुँचानी होती है, हम जनसंचार के माध्यम का ही सहारा लेते हैं।
चाहे वह बाढ़ की सूचना हो या युद्ध की सूचना देनी हो, परन्तु टेलीविजन, रेडियो, इंटरनेट,अखबार में सूचनाएं प्रसारित कर दी जाती है और लोगों तक कुछ ही समय मे सूचनाएं पहुँच जाती है।
जनसंचार माध्यम के लाभ और हानि
लाभ :- जनसंचार के माध्यम लोगों को शिक्षित करने, उन्हें जागरूक करने, नवीनतम घटनाओं के बारे में समझने तथा अपनी समझ को विकसित करने में बहुत लाभप्रद है। आजकल बच्चों की शिक्षा, मनोरंजन के लिए भी इन्हीं माध्यमों का सहारा लिया जाता है ।
हानि :- हर एक चीज का अगर सकारात्मक पक्ष है, तो उसका नकारात्मक पक्ष भी होता है। जनसंचार के माध्यम का भी कुछ नकारात्मक पक्ष है, जैसे – कुछ कार्यक्रम बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं होते।
अश्लीलता, क्राइम, गलत सूचनाएं भी इन्हीं माध्यमों के सहारे लोगों तक पहुँचती है। जिसका समाज मे गलत प्रभाव पड़ता है ।
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