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Upniveshvad kya hai | उपनिवेशवाद का प्रकार और उदाहरण

Upniveshvad kya hai | उपनिवेशवाद का प्रकार और उदाहरण

Upniveshvad kya hai | उपनिवेशवाद का प्रकार और उदाहरण

Upniveshvad kya hai :- आज के इस आर्टिकल के मदद से हम उपनिवेशवाद क्या है, के बारे में जानने वाले है। दोस्तों आपने कभी ना कभी तो उपनिवेशवाद का नाम अवश्य सुना होगा मगर क्या आपको मालूम है कि उपनिवेशवाद क्या होता है और उपनिवेशवाद के कितने प्रकार होते हैं और उपनिवेशवाद का मतलब क्या होता है ।

और प्राचीन काल में उपनिवेशवाद का इतिहास क्या रहा है। अगर आपका जवाब ना है तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए क्योंकि, इस लेख में हम उपनिवेशवाद से जुड़ी हर एक जानकारी प्रदान करने वाले है, तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।

Upniveshvad kya hai | उपनिवेशवाद क्या है ?

उपनिवेशवाद एक खास प्रकार का तरीका है किसी भी कमजोर मुल्कों पर अपना शासन कायम करने का। जब आप हमारे इतिहास को उठाकर पड़ेंगे और उसे समझने की कोशिश करेंगे। तो आपको मालूम चलेगा कि एक देश की राजा अगल बगल छोटे देश के राजाओं पर कब्जा कर लेते थे, और अपनी शासन को वहां पर चलाते थे और उस छोटे देश में सारा नियम कानून भी मजबूत राजाओं द्वारा किया जाता था।

उदाहरण के तौर पर :- हम अपने देश भारत को देख सकते हैं शुरू शुरू अंग्रेज हमारे देश भारत में व्यापार के सिलसिले में आए थे और कुछ समय बीत जाने के बाद यहां पर उन्होंने अपना एक छोटा सा कॉलोनी स्थापित किया और उस कॉलोनी से अब धीरे-धीरे अब जगह को हासिल करते गए और जगह पर कब्जाते गए।

और एक समय ऐसा आया कि अंग्रेजों ने अपना दबदबा लगभग आधे से भी अधिक भारत पर बना लिया था।  हालांकि इसमें अंग्रेजों को अंग्रेजों की सरकार भी मदद करती थी क्योंकि उन्हें यहां से पैसे धन सोना चांदी इत्यादि का लाभ होता था।

अब खुले रूप से अंग्रेजों की सरकार तो यहां पर राज नहीं कर सकती थी लेकिन भारत में कोई भी नियम कानून बनते थे, तो अंग्रेजों का हस्ताक्षर उस पर बहुत जरूरी होता था तो दोस्तों एक तरफ से यही उपनिवेशवाद है।

इस उपनिवेशवाद में अंग्रेजी सरकार अपने देश इंग्लैंड से ही कोई भी कानून या कोई भी नियम पारित करता था और भारत में वह चीज लागू होता था यानी कि इंग्लैंड की सरकार भारत को अपने नियंत्रण में रखती थी और अपने इशारों पर नचाती थी। तो सरल शब्द में कहे तो यह ही एक प्रकार का उपनिवेश है इसी प्रकार को और इसी टेक्नीक को उपनिवेशवाद का नाम दिया गया है।

उपनिवेशवाद का मतलब क्या होता है ?

किसी एक भौगोलिक क्षेत्र में दूसरे क्षेत्र द्वारा राज्य करना  और उसे अपने इशारे पे नियंत्रण करना और उस राज्य तंत्र को एक अच्छा काम मानना ही उपनिवेशवाद है। उपनिवेशवाद को अंग्रेजी में  Colonialism कहा जाता है। सरल शब्दों में आप को समझाने की कोशिश करें तो इसका अर्थ अवैध शासन होता है और उसे जबरन मनमाना होता है।

उपनिवेशवाद का इतिहास

दोस्तों हमने ऊपर के टॉपिक में जाना कि उपनिवेशवाद क्या है और उपनिवेशवाद का मतलब क्या होता है। अब हम इस टॉपिक के माध्यम से उपनिवेशवाद के इतिहास के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को।

उपनिवेशवाद 15 वी शताब्दी से ही शुरू हो चुकी थी। कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि उपनिवेशवाद का जुड़ाव सर्वप्रथम यूरोपीय औपनिवेशिक काल से था। 15 वी शताब्दी में उपनिवेशवाद को कहीं-कहीं पर एज ऑफ कैपिटल के नाम से भी जाना जाता था।

धीरे-धीरे उपनिवेशवाद यूरोपीय लोगों से फेल करके बाकी राज्यों तक भी पहुंच गया और इसका उपयोग करके महान राजा और मजबूत राजा अपने से छोटे छोटे राजाओं को पराजित करने लगे। और उनके जगह जमीनों पर अपना कब्जा जमा लिया और उनके राष्ट्र में अपना एक क्लोनी स्थापित करके वहां से कर वसूली या ज्यादातर लाभ कमाने लगे।

इसका उपयोग बहुत जगहों पर अंग्रेजों ने भी किया है और इसके मदद से ही किसी देश पर उन्होंने अपना वर्चस्व कायम किया है। एक इतिहासकार थे जिनका नाम  फिलिप हॉफमैन था उन्होंने एक गणना की और पता लगया की 1800 तक, औद्योगिक क्रांति से पहले, यूरोपीय पहले से ही कम से कम 35% क्षेत्र पर राज करते थे यानी कि नियंत्रित करते थे ।

मगर  समय के अनुसार इन्होंने उपनिवेशवाद का रणजीत अपनाया और फिर 1914 तक, विश्व के 84% पर नियंत्रण हासिल कर लिया। तो दोस्तों कुछ इस प्रकार से ही उपनिवेशवाद का इतिहास रहा है।

उपनिवेशवाद का प्रकार

दोस्त उपनिवेशवाद एक रणनीति है तो इसके प्रकार बहुत रूप से हैं और इनका उपयोग भी काफी अलग-अलग तरीकों से किया जाता है मगर इसे मुख्यतः चार भाग में बांटा गया है और उन सभी चार भागों का नाम हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

1) बसने वाले उपनिवेशवाद

2) शोषण उपनिवेशवाद

3) आंतरिक उपनिवेशवाद

4) आंतरिक उपनिवेशवाद

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