Red data book kya hai :- आज के इस आर्टिकल के मदद से हम रेड डेटा बुक क्या है, के बारे में जानने वाले है। दोस्तो जब आप लोग भूगोल और जीव-जंतुओं के इतिहास के बारे में जानने की कोशिश करेंगे तो आपको रेड डाटा बुक का नाम अवश्य सुनने को मिलेगा मगर क्या आपको मालूम है कि रेड डाटा बुक क्या है।
और रेड डाटा बुक के कितने प्रकार होते हैं और रेड डाटा बुक का लाभ क्या क्या है अगर आप का जवाब ना है। तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे क्योंकि इस लेख में हम Red Data Book से जुड़ी हर एक जानकारी देने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।
Red data book kya hai | रेड डेटा बुक क्या है ?
Red data book एक खास प्रकार का सार्वजनिक दस्तावेज या कह सकते है कि सूची होता है । जिसका प्रयोग विशेष रूप से लुप्तप्राय और अलग अलग क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजातियों के पौधों, जानवरों, कवक के साथ ही साथ कुछ अन्य स्थानीय उप-प्रजातियों को रिकॉर्ड में रखने के लिए किया जाता है।
आपको मालूम होगा कि हमारे प्राकृतिक के चीज अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं और वह समाप्त के कगार पर खड़े हैं। इसी को ध्यान में मद्देनजर रखते हुवे IUCN Red Data Book को समय-समय पर अपडेट किया जाता है। और इसमें प्रकृति के लुप्त हो गए प्रजातियों एवं कम बचे हुए जीवों जंतुओं की संख्या को लिखा जाता है।
Red Data Book एक अंग्रेजी शब्द है, इसका अर्थ हिंदी में लाल सूची होता हैं और इस Red Data Book को पहली बार वर्ष 1948 में प्रकाशित किया गया था, जिसका मुख्यालय Switzerland नामक देश में स्थित है।
शुरुआत के दौर में इस Red Data Book को रूस के जीव वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया था, मगर कुछ वर्ष के बाद 1948 में इस Red Data Book को विश्व स्तरीय पद पर एक संगठन का रूप दे दिया गया। Red Data Book में संकटग्रस्त प्रजातियों और विलुप्त हो रहे जीव जंतुओं की पूरी सूची है।
Red Data Book का प्रकार
रेड डाटा बुक का मुख्य रूप से पांच प्रकार होता है इसे चरण के आधार पर बांटा जाता है इसके हर एक चरण में अलग-अलग वनस्पति और जीव जंतुओं पक्षियों इत्यादि जैसी चीजों का वर्णन किया गया है। और उनमें उनकी बिलुप्तियों का रिकॉर्ड रखा गया है तो चलिए अब हम उन पांचों चरण पर थोड़ा नजर डालते हैं और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
1) प्रथम चरण :- इस पहले चरण के अंतर्गत ऐसी प्रजातियों और स्तनधारियों को रखा जाता है और उनका वर्णनन किया जाता, जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को जन्म देती हैं तथा उन्हें अपना दूध पिलाती है, और पाल पोस कर बड़ा करती है।
2) दूसरा चरण :- इस चरण चरण के अंतर्गत ऐसे प्रजाति को रखा जाता है जो हवा में उड़ते हैं और अपना जीवन यापन करते है. जैसे की :- पक्षी।
3) तीसरा चरण :- Red Data Book के इस तीसरे चरण के अंतर्गत उन सभी जीव जंतुओं को रखा गया है, जो मरुस्थलीय या फिर बलूघटिये क्षेत्रों में रहते हैं तथा इन्हें ज्यादातर जगहों पर उभयचर प्रजाति के नाम से जाना जाता है।
4) चौथा चरण :- Red Data Book के इस चौथा चरण के अंतर्गत पानी में रहने वाले सभी प्रकार के जीव, जंतुओं को रखा जाता है। जैसे कि :- मछलियां तथा उनके अन्य प्रजातियां भी जो जलीय हैं।
5) पांचवा चरण :- Red Data Book के इस चौथा चरण के अंतर्गत सभी प्रकार के पेड़ पौधे और वनस्पतियों के संबंध को रखते हैं। इसमे सभी पेड़, पौधे और वनस्पतियों का वर्णन विस्तार से मिलेगा।
Red Data Book में विलुप्त होने वाले जीवों जंतुओं के नाम
दोस्तों हमने ऊपर के टॉपिक में जाना कि रेड डाटा बुक क्या है और रेड डाटा बुक के कितने प्रकार होते हैं अब हम इस टॉपिक के माध्यम से जानेंगे कि रेड डाटा बुक में कितने ऐसे जीव जंतु है जो विलुप्त हो चुके हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए।
रेड डाटा बुक के विलुप्त हुए जीव जंतुओं का नाम उनके प्रकार वाले किताब के अनुसार लिखा जाता है जैसे कि मान लीजिए कोई दूसरे चरण का जीव जंतु विलुप्त हुआ है तो उसे दूसरे चरण में ही लिखा जाता है। तो हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके सभी विलुप्त हुए जीव जंतुओं का नाम लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।
प्रथम चरण के स्तनधारी प्राणियों में विलुप्त होने वाले के नाम
- कश्मीर हिरन
- कोंडाना रातो
- मालाबार सिवेट
चौथा चरण के लुप्त होने वाली मछलियों का नाम
- गंगा नदी शार्क
- पांडिचेरी शार्क
- पूकोडे लेक बारबो
पहले चरण के गंभीर रूप से लुप्त होने वाले उभयचर प्राणी का नाम
- घड़ियाल
- टॉड की चमड़ी वाला मेंढक
- सफेद धब्बेदार झाड़ी मेंढक
Red Data Book के लाभ
- Red Data Book सभी जीव जंतुओं, पक्षियों और अन्य अलग अलग प्रजातियों को उनके संरक्षण की स्थिति के बारे में विस्तार रूप से पहचानने में मदद करता है।
- Red Data Book या लाल सूची में मौजूद Data का उपयोग वैश्विक स्तर पर कर का मूल्यांकन और उनके बारे में करने के लिए किया जा सकता है।
- Red Data Book की सहायता से हम विश्व स्तर पर विभिन्न प्रजातियों के जीव जंतुओं की विलुप्त होने के जोखिम का अंदाजा कंठस्ट रूप से लगा सकते हैं।
- इसका उपयोग किसी विशेष प्रकार के प्रजाति की जनसंख्या का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।
- रेड डाटा बुक के मदद से हमें आसानी से मालूम चल जाता है कि कौन से जीव जंतु का प्रजाति कितना बचा हुआ है। और वह कब तक विलुप्त हो जाएगा इससे हम उस प्रजाति को विलुप्त होने से बचा सकते हैं।
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