Roadfornaukri

Latest Job, Exam Update

लघु-कथा लेखन | Laghu Katha Lekhan In Hindi

लघु-कथा लेखन | Laghu Katha Lekhan In Hindi

लघु-कथा लेखन | Laghu Katha Lekhan In Hindi

Laghu Katha Lekhan In Hindi :- दोस्तों, हम बचपन से ही कहानियां सुनते आ रहे हैं। कोई कहानियां बहुत छोटी होती है, तो कोई कहानियां बहुत बड़ी होती है। कहानी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कहानी के द्वारा हम दूसरों को अच्छी सीख दे सकते हैं तथा अपनी बातें भी समझा सकते हैं।

कहानी या कथा सुनने में तो बहुत ही मनोरंजक लगती है, लेकिन उसी कथा को लिखना बहुत कठिन होता है।

दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Laghu Katha Lekhan In Hindi की जानकारी देने वाले हैं। यदि आप लघु कथा लेखन के बारे में जानना चाहते हैं, तो कृपया इस लेख को अंत तक पढ़े।

लघु कथा लेखन | Laghu Katha Lekhan In Hindi

जब हम किसी घटना का वर्णन रोचक ढंग से करते हैं, तो उसे कहानी या कथा कहा जाता है। लघु कथा का अर्थ किसी लंबी कहानी या उपन्यास को संक्षिप्त रूप में लिखना होता है।

लघु कथा लेखन एक कला है। जब कोई लेखक किसी लंबी घटना को अपनी कल्पना शक्ति द्वारा तथा अपनी भाषा शैली में छोटे रूप में लिखता है और समझाता है, तो वह लघु कथा लेखन कहलाता है।

स्वयं की भाषा शैली तथा कल्पना शक्ति द्वारा लिखी गई कथा में एक विशेषता को जन्म देता है, और यह विशेषता उस कथा को प्रभावशाली बनाती है।

लघु कथा लेखन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें :-

कथाएं लंबी भी लिखी जा सकती हैं, लेकिन लघु कथा लिखना थोड़ा कठिन कार्य है, चलिए देखते हैं। लघु कथा लेखन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • लघु कथा लिखते समय ध्यान रखना चाहिए कि कथा 100 से 200 शब्दों में ही सीमित हों।
  • लघु कथा घटना के संकेतों तथा रूपरेखा के आधार पर लिखना चाहिए।
  • कथा लिखते समय ध्यान रखना चाहिए, कि उस पूरी कथा में सारी महत्वपूर्ण घटनाएँ सम्मिलित हो, जिससे कथा को समझने में आसानी हो।
  • लघु कथा लिखते समय ध्यान रखना चाहिए कि सभी Paragraph छोटे-छोटे हैं, जिससे कथा पढ़ने में मजा आए।
  • केवल लघु कथा ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की कथा को लिखते समय ध्यान रखना चाहिए, कि कथा सरल शब्दों में लिखी गई हूं, जिससे पढ़ने वाले व्यक्ति को कथा समझ आ पाए।
  • कहानी को हमेशा भूतकाल में ही लिखना चाहिए

लघु कथा लेखन का तरीका :-

लघु कथा लेखन ना बहुत ज्यादा कठिन है और ना ही आसान। लघु कथा लेखन करते समय आपको बस महत्वपूर्ण तथ्यों एवं घटनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करना है और लिखना है।

अन्य कहानी के आधार पर लघु कथा लेखन :-

आप किसी दूसरी कहानी को पढ़कर उसके आधार पर लघु कथा लिख सकते हैं। जैसे यदि उस कहानी में 4 पात्र हैं, तो आप अपनी कहानी में भी चार पात्र बना सकते हैं।

लघु कथा लेखन के लिए विषय तथा शीर्षक चुनना :-

सबसे पहले आवश्यक होता है, कि हम कोई एक अच्छा विषय चुने जिस पर हम कथा लिख सकते हैं। लघु कथा लेखन के लिए हम कोई सत्य घटना भी चुन सकते हैं, जिससे कि लघु कथा लिखना आसान हो सके।

लघु कथा लिखने से पहले कथा के लिए एक उपयुक्त एवं आकर्षक शीर्षक भी बना लेना चाहिए, जिससे उस शीर्षक को पढ़कर लोग कहानी को पढ़ने के लिए आकर्षित हो सके।

कथा की रूपरेखा तैयार करना :-

रूपरेखा तैयार करने का अर्थ है, कि यह सोचना कि आप यह कहानी को किस प्रकार से लिखना चाहते हैं। जैसे कहानी की एक रूपरेखा यह हो सकती है, कि बात पात्र दो या तीन हो, कहानी की शुरुआत प्रभावशाली तरीके से की गई हो, कहानी के अंत समय में कुछ नया मोड आ जाए, इत्यादि। ऐसा करने से पाठकों को कहानी पढ़ने में दिलचस्पी आएगी।

लघु कथा लेखन का आरंभ एवम अंत :-

कथा लेखन का आरंभ बहुत ही दिलचस्प होना चाहिए। और हमेशा कथा लेखन को डायलॉग की तरह लिखना जरूरी नहीं होता। लघु कथा लेखन की लिए उपयुक्त Heading भी बनाई जा सकती है, और उस आधार पर कहानी लिखी जा सकती है।

ऐसा जरूरी नहीं, कि हर लघु कथा के अंत में कोई सीख मिल रही हो, कभी-कभी लघु कथा लेखन मनोरंजन के लिए भी लिखा जा सकता है। कथा का अंत स्पष्ट एवं छोटा होना चाहिए।

लघु कथा को रोचक बनाना :-

लघु कथा को रोचक बनाने के लिए कथा लिखते समय आप मुहावरों या लोकोक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे कहानी प्रभावशाली प्रतीत होगी।

लघु कथा लेखन की अन्य विधियां :-

आज के समय में सत्य घटनाओं पर आधारित कहानियों का अधिक प्रचार-प्रसार है, जिसके कारण लोगों के मन में भी कहानी लिखने की इच्छा जागृत होती है।

ऐसे लोग लघु कथा लेखन आसानी से कर सकते हैं। लघु कथा लेखन के कुछ विधियां है, जिसके द्वारा लघु कथा लेखन आसानी पूर्वक किया जा सकता है।

  • दूसरी कहानी से सहायता लेकर लघु कथा लेखन किया जा सकता है।
  • किसी चित्र को देखकर भी लघु कथा लेखन किया जा सकता है। जैसे यदि किसी चित्र में एक गांव का दृश्य दिया गया है, और उसमें कुछ व्यक्ति एवं जानवर है, साथ में कुछ खेतों की भी चित्रकारी की गई है, तो इन सभी घटनाओं को देखकर कहानी बनाई जा सकती है।
  • रूपरेखा के आधार पर भी भू कथा लेखन किया जा सकता है, जैसे यदि कोई घटना दी गई है, और उसमें कुछ पात्र दिए गए हैं, तो इसे रूपरेखा कहेंगे। इस रूपरेखा को समझ कर आप लघु कथा लेखन कर सकते हैं।

About Author