Samas Kise Kahate Hain :- आज के इस लेख की मदद से हम समास किसे कहते हैं ? के बारे में जानने वाले हैं।
जब भी आप हिंदी व्याकरण का किताब पढ़ते होंगे, तो उसमें आपको समास शब्द अवश्य सुनने को मिलता होगा।
मगर क्या आपको मालूम है, कि समास किसे कहते हैं ?, समास के कितने भेद होते हैं और समास के उदाहरण क्या क्या होते हैं ?
अगर आप का जवाब ना है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे, तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।
समास किसे कहते हैं ? | Samas Kise Kahate Hain
हिंदी व्याकरण में समास एक बहुत महत्वपूर्ण भाग है, इसकी मदद से बड़े बड़े वाक्यों को महज कम ही शब्दों में निपटा कर के सामने वाले व्यक्ति को समझाया जा सकता है।
जिस प्रकार से लोग बड़े-बड़े वाक्यों को short form में निपटाने के लिए कोई कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं, ठीक उसी तरह से यह भी होता है, मगर इसमें कोई कोड वर्ड नहीं दिया होता है।
समास के शब्द बिल्कुल साफ सुथरे होते हैं और इनका अर्थ एकदम साफ निकलता है।
अगर समास के शब्दों का उपयोग अगर आप अपने सामने वाले व्यक्ति को समझाने के लिए करेंगे, तो वह बहुत आसानी से समझ सकता है और उसका अर्थ भी बिल्कुल साफ साफ निकलता है।
अगर हम हिंदी व्याकरण के भाषा में आपको समास समझाने की कोशिश करें तो ” कम से कम शब्दों में ज्यादा से ज्यादा जानकारी या अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को समास कहा जाता है”
या इसे सरल भाषा मे समझने की कोसिस करे तो, जब कोई एक शब्द अपने से अधिक शब्दों की व्याख्या करता है, और ज्यादा से ज्यादा शब्द का अर्थ प्रकट करता है, तो उस शब्द को समास कहा जाता है और समास को अंग्रेजी भाषा मे Compound कहा जाता है, तो कुछ इस प्रकार से समास होता है।
उदाहरण :- मृत्यु को जितने वाला या ( शंकर ) = मृतुन्जय
समास के भेद | समास के प्रकार | Samas Ke Bhed
हमने ऊपर में जाना, कि Samas Kise Kahate Hain, अब हम जानेंगे, कि आखिर समास कितने प्रकार के होते हैं ? तो चलिए शुरू करते हैं।
हिंदी व्याकरण के अनुसार समास के मुख्यतः छह भेद होते हैं और हमने उन छह भेदों का नाम और उनके बारे में नीचे में Step Bye Step करके लिखा है।
1) अव्ययीभाव समास ( Adverbial Compound )
2) कर्मधारय समास ( Appositional Compound )
3) तत्पुरुष समास ( Determinative Compound )
4) द्विगु समास ( Numeral Compound )
5) बहुव्रीहि समास ( Attributive Compound )
6) द्वन्द समास ( Copulative Compound )
अव्ययीभाव समास किसे कहते है ?
जिस शब्द या वाक्य का प्रथम पद अव्यय होता है, वे अव्ययीभाव समास होते है तथा उसका अर्थ प्रधान होता है।
अव्ययीभाव समास में खास तौर पर अव्यय पद का प्रारूप वचन, लिंग, कारक में बिलकुल नहीं बदलता है वो हमेशा एक जैसा ही रहता है।
अव्ययीभाव समास का पहचान कुछ इस प्रकार से होता है। ‘अनु, आ, प्रति, भर, यथा, यावत, हर’ और इत्यादि होते है और अव्ययीभाव समास के प्रथम पद में ये शब्द होते है।
अव्ययीभाव समास का उदाहरण :-
- जैसा संभव हो ( का समास > यथासंभव
- प्रत्येक दिन ( का समास > प्रतिदिन
- रूप के योग्य ( का समास > अनुरूप
- पेट भर के ( का समास > भरपेट
- इच्छा के विरुद्ध ( का समास > प्रतिकूल
कर्मधारयसमासकिसे कहते है ?
जिस शब्द या वाक्य के पूर्व और उत्तर पद में विशेषण-विशेष्य, अथवा उपमान -उपमेय का संबंध होता है, उसे कर्मधारय समास कहते है और इस में उत्तर पद प्रधान होता है |
उदाहरण के तौर पर :-
- जो आधा काटा हो ( का समास > अधकटा
- जो चीज़ में परम आनंद है ( का समास > परमानन्द
- कनक की-सी लता ( का समास > कनकलता
- आधा है जो मरा ( का समास > अधमरा
- चन्द्र के समान मुख ( का समास > चंद्रमुख
- लाल है जो मणि ( का समास > लालमणि
तत्पुरुष समास किसे कहते है ?
तत्पुरुष समास में खासतौर पर छह भेद मौजूद होते हैं और छह भेदों के अनुसार ही तत्पुरुष समास में कोई क्रियाकलाप किया जाता है, तो चलिए पहले उन्हें जान लेते हैं।
- कर्मतत्पुरुष :-कर्म तत्पुरुष में कर्म कारक की विभक्ति ‘ को ’ का लोप मुख्य रूप से होता है।
उदाहरण: रामप्राप्त- राम को प्राप्त
- सम्प्रदानतत्पुरुष :- सम्प्रदान तत्पुरुष खासतौर पर ‘के लिए’ का लोप होने ही एक समास बनाता है।
उदाहरण: पाठशाला – पाठ के लिए शाला
- करणतत्पुरुष :-करण तत्पुरुष में खास तौर पर ‘से’ और ‘के द्वारा’ के लोप होना ही समास बनाता है।
उदाहरण: मदांध – मन से अँधा
- सम्बन्धतत्पुरुष :-सम्बन्ध तत्पुरुष में खासतौर पर ‘का’, ‘की’ ‘के’, इत्यादि जैसे अक्षरों का लोप होना ही समास बनाता है।
उदाहरण: विद्यालय – विद्या का आलय
- अपादानतत्पुरुष :-अपादान तत्पुरुष में खासतौर पर ‘से’ अक्षर का लोप होने ही समास बनाता है।
उदाहरण: खुशीहीन – खुशी से हीन
- अधिकरण तत्पुरुष :-अधिकरण तत्पुरुष में खास तौर पर ‘में’ और ‘पर’ अक्षर का लोप होने ही समास बनता है।
जैसे: गृहप्रवेश- गृह में प्रवेश, इत्यादि।
द्विगुसमासकिसे कहते है ?
जिन जिन शब्दों या वाक्यों में समूह अथवा समाहार का ज्ञान होता है, वो ही द्विगु समास कहलाते है, और इस समास में पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण होता है।
उदाहरण के तौर पर :-
- सात दिनों का समूह ( का समास > सप्ताह
- सात रंगों का समूह ( का समास > सतरंगी
- नौ रात्रियों का समूह ( का समास > नवरात्र
- सात ऋषियों का समूह ( का समास > सप्तऋषि
- तीन कोणों का समूह ( का समास > त्रिकोण
बहुव्रीहिसमासकिसे कहते है ?
जिन जिन शब्दों में कोई भी पद प्रधान नही होता है उन्हें ही बहुव्रीहि समास कहते है, खासतौर पर बहुव्रीहि समास में दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर इशारा करते हैं और एक नए अर्थ का निर्माण करते।
उदाहरण के तौर पर :-
- जिनका पीत अम्बर है ( का समास > पीताम्बर
- जिनका नीला कंठ है ( का समास > नीलकंठ
- जिनका उदर लंबा हो ( का समास > लंबो दर
- जिनके तीन लोचन हो ( का समास > त्रिलोचन
- घन के समान श्याम हैं ( का समास > घनश्याम
द्वन्दसमासकिसे कहते है ?
द्वन्द समास एक खास प्रकार का समास होते है, इन में खास रूप से दोनों पद प्रधान होते हैं, तथा द्वन्द समास को विग्रह करने पर ‘ और ’, ‘ अथवा ’, ‘ या ’, ‘ एवं ’ इत्यादि जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
द्वन्द समास के दोनों पदों या अक्षरों के बीच में एक खास योजक चिन्ह लगा होता है, जो कुछ इस प्रकार से दिखता है (-).
उदाहरण के तौर पर :-
- बड़े और छोटे ( का समास > बड़े-छोटे
- मोटू और पतलू ( का समास > मोटू-पतलू
- आगे और पीछे ( का समास > आगे-पीछे
- नदी और नाले ( का समास > नदी-नाले
- देवर और भाभी ( का समास > देवर-भाभी
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