Oxygen Ki Khoj Kisne Ki :- ऑक्सीजन गैस हमारे लिए जीवनदायिनी है। यदि यह हमारे वायुमंडल में नहीं हो, तो हम जीवित नहीं रह पाएंगे, अपितु पृथ्वी में मौजूद समस्त जीवन चक्र पेड़ पौधे तथा अन्य जैविक प्रक्रिया बंद हो जाएगी।
इसी महत्व को देखते हुए,आज हम इस लेख में आपको ऑक्सीजन की खोज किसने और कब की ? के बारे में बताएंगे। हम इसके अंतर्गत ऑक्सीजन के भौतिक गुण, रासायनिक गुण तथा संरचना के बारे में भी आपका ध्यान केंद्रित करेंगे।
जैसा कि हम सब जानते हैं, हमारे वायुमंडल में ऑक्सीजन गैस का बहुत बड़ा महत्व है, क्योंकि इसी से हमारा जीवन संभव है।
यह लेख आपके लिए बड़ा ज्ञानवर्धक होगा,यदि आप ऑक्सीजन के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक पढ़े।
ऑक्सीजन की खोज किसने और कब की ? | Oxygen Ki Khoj Kisne Ki
ऑक्सीजन की खोज 1972 में स्वीडन के प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल शीले ने की थी, परंतु इसका प्रारंभिक अध्ययन में जे॰ प्रीस्टले और सी॰डब्ल्यू॰ शेले से लेने प्रारंभ किया था, इसीलिए इन दोनों को ऑक्सीजन का जनक कहा जाता है।
ऑक्सीजन शब्द का अर्थ क्या है ?
एंटोनी लेवोजियर ने इस गैस के गुणों का वर्णन किया, तो इसका नाम ऑक्सीजन रख दिया। जिसका अर्थ अमल उत्पादक है। इसका दूसरा नाम जारक भी है।
वायुमंडल में कितने प्रतिशत ऑक्सीजन है ?
यदि हमारे वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी हो जाए, तो सारे जीव जंतु नष्ट हो जाएंगे। इसकी उपलब्धता हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यह वायुमंडल में स्वतंत्र रूप से मिलती |
यह वायुमंडल में 20.95% तथा जमीन की बात करें, तो इसमें ऑक्सीजन की मात्रा सर्वाधिक, लगभग 46.6% पाई जाती है।
ऑक्सीजन का सामान्य परिचय
इसको रसायन विज्ञान में “O” से दर्शाया जाता है तथा इसे Group 16 तथा P Block में रखा गया है। इसकी परमाणु संख्या 8 है। यह बहुत से तत्वों से सीधे सहयोग कर सकता है।
- ऑक्सीजन का घनत्व 1.54290 ग्राम प्रति लीटर होता है।
- द्रव्य ऑक्सीजन हल्के नीले रंग का होता है।
- इसका क्रांतिक ताप -118.8 डिग्री सेल्सियस होता है।
- वायुमंडल में उसका घनत्व 0.430 ग्राम प्रति सेंटीमीटर होता है।
ऑक्सीजन गैस की पहचान कैसे करें ?
ऊपर हमने आपको बताया, कि Oxygen Ki Khoj Kisne Ki ? तो अब हम ऑक्सीजन गैस की पहचान कैसे करें ? के बारे में जानते हैं।
यह रंगहीन तथा गंधहीन गैस है, इसकी पहचान करना बहुत ही कठिन होता है परंतु वैज्ञानिकों ने इसका भी रास्ता निकाल लिया है। यदि किसी वस्तु को जलाने की आवश्यकता होती है, तो उसके लिए ऑक्सीजन का होना अति आवश्यक है।
ऑक्सीजन की पहचान करने के लिए जब नाइट्रस ऑक्साइड से यह React करती है तो नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाती है, इससे ऑक्सीजन गैस बाहर निकलती है।
जब इस में आग लगाई जाती है, तो यह जलने लगती है, जिससे इसकी पहचान हो जाती है।
ऑक्सीजन के भौतिक गुण :-
- ऑक्सीजन को ठंडा करने पर यह नीले रंग के तरल पदार्थ में परिवर्तित हो जाती है।
- ऑक्सीजन गैस दूसरी चीजों को जलाने के लिए मददगार होती है।
- ऑक्सीजन का विशिष्ट तापमान 15 डिग्री सें॰ होता है।
- इसका स्थिर आयतन पर विशिष्ट तापमान से इसका अनुपात 401 होता है।
- इसका क्वथनांक 183 डिग्री सें॰ होता है।
- यह पानी के साथ घुलनशील होती है।
- यह 15 डिग्री सें॰ पर संलग्न और वाष्पीकरण क्रमशः 30 तथा 50.9 कैलोरी प्रति ग्राम होता है।
- यह गैस -218.4 डिग्री सें॰ के तापमान पर ठोस में बदल जाती है।
ऑक्सीजन के रासायनिक गुण :-
- यह अधिकांश रूप से आसवन प्रक्रिया द्वारा प्राप्त की जाती है।
- यह फास्फोरस, सोडियम आदि जैसे सामान्य धातुओं से धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करती है।
- कार्बन, सल्फर, लोहा, मैग्निशियम आदि को गर्म करने पर यह बर्तन में आग लगा देती है।
- हाइड्रोजन के साथ यह प्रतिक्रिया करती है, तो पानी का निर्माण होता है।
- जब बेरियम ऑक्साइड को लगभग 500 सेल्सियस तक गर्म किया जाता है, तो यह हवा से ऑक्सीजन लेकर पराक्साइड बनाती है।
ऑक्सीजन का उपयोग :-
ऊपर हमने आपको बताया, कि Oxygen Ki Khoj Kisne Ki ? तो अब हम ऑक्सीजन के उपयोग के बारे में जानते हैं।
- सबसे बड़ा उपयोग इसका यह है, कि यह सभी जीव जंतु के लिए जीवनदायिनी गैस है।
- मनुष्य भोजन से ऊर्जा प्राप्त करता है, वह ऑक्सीजन की सहायता से ही प्राप्त करता है।
- यह कार्बन, पेट्रोलियम आदि के साथ मिश्रण बनाकर विस्फोट का कार्य करती है।
- लोहे की मोटी चादर को काटने तथा मशीन के टुकड़े जोड़ने के लिए ऑक्सीजन को जलाकर जोड़ा जाता है।
- चिकित्सा के क्षेत्र में भी ऑक्सीजन का अत्यधिक महत्व है।
- ऑक्सीजन का उपयोग रोगियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
- इसके माध्यम से रक्त पर प्रभाव अच्छा रहता है।
- फेफड़ों में रक्त पर्याप्त मात्रा में बना रहता है।
- निमोनिया, हृदय विकार जैसे महत्वपूर्ण बीमारियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन दी जाती है।
ऑक्सीजन चक्र (Oxygen Cycle) क्या है ?
पौधे अपना भोजन बनाते हैं, तो उसके लिए सूर्य का प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड तथा पानी की आवश्यकता होती है। इन तीनों के मिश्रण से ही पौधे एक जटिल योगिक का निर्माण करते हैं, जिसे कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है।
इसके साथ ही इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन भी बाहर निकलती है। इस तरह से पौधे ऑक्सीजन गैस का निर्माण करते हैं।
जब कोई जीव जंतु मर जाता है, तो यह मिट्टी में मिल जाती है, जो मृदा की उर्वरता बढ़ाती है तथा कुछ ऑक्सीजन वायुमंडल में चली जाती है, जो जीव जंतुओं द्वारा ली जाती है, फिर वह कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में बाहर निकलती है, जिसे पेड़ पौधे ग्रहण लेते हैं। इस तरह से Oxygen Cycle का निर्माण होता है।
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