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अरारोट पाउडर क्या है ? इसके फायदे और नुकसान क्या है ?

अरारोट पाउडर क्या है ? इसके फायदे और नुकसान क्या है ?

अरारोट पाउडर क्या है ? इसके फायदे और नुकसान क्या है ?

Arrowroot Powder in Hindi :- खाने-पीने के शौकीन है, तो अरारोट पाउडर के बारे में जानते होंगे, इसमें कई तरह के खनिज पदार्थ तथा विटामिन पाए जाते हैं।

इससे कई तरह की बीमारियां ठीक हो जाती है। अरारोट पाउडर का इस्तेमाल भोजन के तौर पर भी किया जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसी महत्व को जानते हुए यह एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है।

आज हम इस लेख में आपको अरारोट पाउडर के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे तथा हम इसके अंतर्गत अरारोट पाउडर क्या है, Arrowroot Powder in Hindi, इसके उपयोग, बनाने की प्रक्रिया आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपका ध्यान केंद्रित करेंगे।

यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि इसमें हम इससे संबंधित समस्त जानकारी आपके सामने प्रदान करेंगे, तो आइए शुरू करते हैं।

अरारोट पाउडर क्या है ? | Arrowroot Powder In Hindi

यह एक महत्वपूर्ण पाउडर है, जिसका इस्तेमाल हम भोजन को गाढ़ा करने के लिए करते हैं। यह एक तरह का कंद होता है, जिसकी खेती की जाती है।

इसी की जड़ से यह पाउडर बनाया जाता है। इसकी जड़ को बारीक पीसकर यह तैयार किया जाता है।

इसमें कई तरह के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन आदि खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि मनुष्य के शारीरिक वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं।

वैसे तो इसका इस्तेमाल बहुत सी जगह किया जाता है परंतु अरोड़ा का पाउडर मुख्य रूप से भोजन के रूप में किया जाता है। यह पाउडर कई तरह की बीमारियों को भी ठीक करने में इस्तेमाल किया जाता है।

अरारोट पाउडर के फायदे

  • इसका सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है, कि यह बालों के लिए फ़ायदेमंद होता है। यह बालों को मुलायम तथा घना बनाने में मदद करता है।
  • यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
  • रक्तचाप नियंत्रण में सहायता प्रदान करता है।
  • जो व्यक्ति मोटा है और उसे जल्दी अपना वजन कम करना है, तो इस पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • शरीर में किसी भी तरह के फोड़े फुंसी, दाग धब्बे, झुर्रियां आदि को ठीक करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • त्वचा से संबंधित बीमारियों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • यदि शरीर में किसी तरह की कमज़ोरी है, तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो यह शरीर के द्रव्य मात्रा को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • किसी व्यक्ति को भूख नहीं लगती है, तो उसकी भूख बढ़ाता है।
  • पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है।
  • डायबिटीज़ जैसी गंभीर बीमारियों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

अरारोट पाउडर के नुकसान | Disadvantages Of Arrowroot Powder

यदि इसका इस्तेमाल करते समय आपको सही जानकारी नहीं है, तो इसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ सकता है, इसलिए जब भी आप इसका इस्तेमाल करें तो निश्चित मात्रा निर्धारित कर ले या फिर किसी नजदीकी Doctor से सलाह लेकर इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

आप इसकी अधिकता या कमी की वजह से किसी भी बड़ी समस्या में पड़ सकते हैं। इससे संबंधित कुछ नुकसान इस प्रकार है:-

  • अधिक सेवन करने से उल्टी आने का ख़तरा रहता है।
  • इसकी अनियंत्रित मात्रा का इस्तेमाल करने से एलर्जी होने का ख़तरा बना रहता है।

दूध में अरारोट पाउडर मिलाने से क्या होता है ?

हम सब यह बात जानते हैं, कि बच्चों को दूध पीना अच्छा लगता है परंतु कुछ बच्चे दूध को हाथ भी नहीं लगाते हैं।

इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए हम अरारोट पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि दूध में अरारोट पाउडर मिला दिया जाए, तो यह गाढ़ा हो जाता है। जिससे इसमें महत्वपूर्ण पोषक तत्व शामिल हो जाते हैं।

अरारोट में पाए जाने वाले पोषक तत्व

  • कार्बोहाइड्रेट
  • प्रोटीन
  • फाइबर
  • वसा
  • फास्फोरस
  • पोटेशियम
  • विटामिन
  • लौह आदि

अरारोट का दूसरा नाम क्या है ?

विभिन्न भाषाओं में इसे अलग-अलग नाम दिए गए हैं जो इस प्रकार हैं:-

हिन्दी में अरारोट, बिलायती तीखुर, मराठी में आरारूट, बंगला में ओरा रूट, तवक्षीर, गुजराती में तवखार, अरारोट; अंग्रेज़ी में ऍरोरूट, वेस्ट इंडियन ऍरोरूट कहते हैं।

अरारोट पाउडर बनाने की विधि | Expiry Limit Of Arrowroot Powder In Hindi

यदि आप इसे घर पर बनाना चाहते हैं, तो इसे बनाने की विधि बड़ी ही आसान है, जो इस प्रकार है:-

  1. सबसे पहले आपको इसकी जड़ को बाजार से खरीदना होगा या फिर नजदीकी खेती करने वाले किसान से आप खरीद सकते हैं।
  2. इसे अच्छी तरह से साफ पानी से धो लें।
  3. इसके छिलके को निकाल लेना चाहिए फिर इसे पुनः साफ पानी से धो ले, जिससे दूधिया लुगदी प्राप्त हो जाती है।
  4. इस दूधिया लुगदी को अच्छी तरह से पुनः धो लिया जाता है, क्योंकि इसमें कुछ रेशेदार भाग मौजूद रहते हैं, जिससे पाउडर की गुणवत्ता पर असर आता है।
  5. इन रेशे को अलग निकाल दे और बचे हुए दूधिया भाग को एक मोटे कपड़े या फिर छलनी की मदद से पानी निकाल दिया जाता है। इससे पानी निकल जाएगा।
  6. बाद में बचा हुआ सफेद भाग रह जाता है, जिसे हम स्टार्च कहते हैं।
  7. अब इसे धो लिया जाता है और सुखाकर रख दिया जाता है।
  8. अंत में पीसकर रख दिया जाता है, इस तरह से यह इस्तेमाल करने योग्य बन जाता है।

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